प्रेम-प्रश्नोत्तर-5: क्या आकर्षण ही प्रेम है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-5-“क्या आकर्षण ही प्रेम है?

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि क्या आकर्षण ही प्रेम है? प्रेम पथ पर पहला पग रखते ही व्यक्ति के मन में सहज ही यह प्रश्न उठ जाता है कि क्या उसे होने वाले तीव्र आकर्षण का अनुभव ही प्रेम का यथार्थ अनुभव है? किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, कार्य या विषय के प्रति … Read more

प्रसंग-14-प्रेम और प्रेम की भाषा

प्रसंग-14-प्रेम और प्रेम की भाषा

प्रसंग-14-प्रेम और प्रेम की भाषा प्रेम को लेकर गहराई से सोचने वाले व्यक्ति के मन में कभी न कभी यह प्रश्न उठ ही जाता है कि प्रेम वास्तव में कहते किसे हैं? कब कहा जाये कि यही प्रेम की सही पहचान है? इन प्रश्नों में ही छुपे हुए प्रेम का सत्य तो यह है कि … Read more

प्रेम-प्रश्नोत्तर-4: हमें भगवान क्यों चाहिए? क्या प्रेम से भगवान मिलता है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-4_हमें भगवान क्यों चाहिए,क्या प्रेम से भगवान मिलता है

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि हमें भगवान क्यों चाहिए? क्या प्रेम से भगवान मिलता है? मानव की विचारशक्ति उसे समय-समय पर इस बात का संकेत और प्रमाण देती आई है कि इस ब्रह्माण्ड में मनुष्य की सत्ता सर्वोच्च नहीं है, प्रकृति के नियम उसकी सोच से भी कहीं अधिक व्यापक और जटिल … Read more

प्रसंग-13-प्रेम: सैनिक के लिए

प्रसंग-13-प्रेम: सैनिक के लिए

प्रेम: सैनिक के लिए वह व्यक्ति जिसने कभी किसी सैनिक को देखा हो या उसके बारे में सुना हो तो “सैनिक” शब्द सुनते ही उसके मनोपटल पर ऐसे व्यक्ति की तस्वीर उभर आती है जिसके शरीर और वेशभूषा पर अनुशासन की छाप होती है, जिस पर देश और समाज की रक्षा का महान उत्तरदायित्व होता … Read more

प्रेम-प्रश्नोत्तर-3: क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-3: क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है?

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है? जब कोई व्यक्ति अपने कर्मों के प्रति संवेदनशील होता है तो वह इस बात का ध्यान रखता है कि उसके द्वारा कुछ भी बुरा न हो जाए, लेकिन प्रकृति की व्यवस्था इतनी जटिल और व्यापक होती है कि बुद्धिमान से … Read more

प्रसंग-12-प्रेम:अच्छे और बुरे के बीच

प्रसंग-12-प्रेम: अच्छे और बुरे के बीच

प्रेम:अच्छे और बुरे के बीच बौद्धिक विकास की अपनी महायात्रा में मानव ने अपनी विवेकशक्ति के संदर्भ में दो उपलब्धियाँ अर्जित कीं, वे उपलब्धियाँ हैं निर्णय करने की क्षमता और निष्कर्ष निकालने की प्रवृत्ति। निर्णय और निष्कर्ष के कौशल ने मनुष्य के जीवन का बहुमूल्य समय तो बचाया ही है साथ ही उसके जीवन को … Read more