प्रेम-प्रश्नोत्तर-4: हमें भगवान क्यों चाहिए? क्या प्रेम से भगवान मिलता है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-4_हमें भगवान क्यों चाहिए,क्या प्रेम से भगवान मिलता है

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि हमें भगवान क्यों चाहिए? क्या प्रेम से भगवान मिलता है? मानव की विचारशक्ति उसे समय-समय पर इस बात का संकेत और प्रमाण देती आई है कि इस ब्रह्माण्ड में मनुष्य की सत्ता सर्वोच्च नहीं है, प्रकृति के नियम उसकी सोच से भी कहीं अधिक व्यापक और जटिल … Read more

प्रेम-प्रश्नोत्तर-3: क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-3: क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है?

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है? जब कोई व्यक्ति अपने कर्मों के प्रति संवेदनशील होता है तो वह इस बात का ध्यान रखता है कि उसके द्वारा कुछ भी बुरा न हो जाए, लेकिन प्रकृति की व्यवस्था इतनी जटिल और व्यापक होती है कि बुद्धिमान से … Read more

प्रेम-प्रश्नोत्तर-2:धर्म क्या है? क्या हो जब प्रेम ही धर्म हो? 

प्रेम-प्रश्नोत्तर-2:धर्म क्या है? क्या हो जब प्रेम ही धर्म हो?

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि धर्म क्या है? क्या हो जब प्रेम ही धर्म हो? हम चाहे किसी भी समाज में पैदा हुए हों या पले-बढ़े हों,अपनी समझ के विकास के साथ-साथ हमारे जीवन में कभी न कभी यह प्रश्न सामने अवश्य आता है कि “धर्म क्या है?” भले ही हम स्वयं … Read more

प्रेम-प्रश्नोत्तर-1-प्रेम में कौन-कौन सी शक्तियाँ होती हैं? 

प्रेम में कौन कौन सी शक्तियाँ होती हैं ।

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि प्रेम में कौन-कौन सी शक्तियाँ होती हैं? जब हम प्रेम का जीवंत उदाहरण बन गए प्रेमी व्यक्तियों के बारे में जानते हैं तो प्रायः हम आश्चर्य और रोमांच से भर उठते हैं कि प्रेम का ऐसा अद्भुत अनुभव भी प्राप्त किया जा सकता है! कि प्रेम को … Read more