प्रेम-प्रश्नोत्तर-5: क्या आकर्षण ही प्रेम है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-5-“क्या आकर्षण ही प्रेम है?

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि क्या आकर्षण ही प्रेम है? प्रेम पथ पर पहला पग रखते ही व्यक्ति के मन में सहज ही यह प्रश्न उठ जाता है कि क्या उसे होने वाले तीव्र आकर्षण का अनुभव ही प्रेम का यथार्थ अनुभव है? किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, कार्य या विषय के प्रति … Read more

प्रेम-प्रश्नोत्तर-3: क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-3: क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है?

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि क्या प्रेम पापों को मिटा सकता है? जब कोई व्यक्ति अपने कर्मों के प्रति संवेदनशील होता है तो वह इस बात का ध्यान रखता है कि उसके द्वारा कुछ भी बुरा न हो जाए, लेकिन प्रकृति की व्यवस्था इतनी जटिल और व्यापक होती है कि बुद्धिमान से … Read more