प्रेम-प्रश्नोत्तर-5: क्या आकर्षण ही प्रेम है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-5-“क्या आकर्षण ही प्रेम है?

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि क्या आकर्षण ही प्रेम है? प्रेम पथ पर पहला पग रखते ही व्यक्ति के मन में सहज ही यह प्रश्न उठ जाता है कि क्या उसे होने वाले तीव्र आकर्षण का अनुभव ही प्रेम का यथार्थ अनुभव है? किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, कार्य या विषय के प्रति … Read more

प्रेम-प्रश्नोत्तर-4: हमें भगवान क्यों चाहिए? क्या प्रेम से भगवान मिलता है?

प्रेम-प्रश्नोत्तर-4_हमें भगवान क्यों चाहिए,क्या प्रेम से भगवान मिलता है

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि हमें भगवान क्यों चाहिए? क्या प्रेम से भगवान मिलता है? मानव की विचारशक्ति उसे समय-समय पर इस बात का संकेत और प्रमाण देती आई है कि इस ब्रह्माण्ड में मनुष्य की सत्ता सर्वोच्च नहीं है, प्रकृति के नियम उसकी सोच से भी कहीं अधिक व्यापक और जटिल … Read more