प्रसंग-3: प्रेम के रूप और प्रेम की सर्वोच्च अवस्था

प्रसंग-3: प्रेम के रूप और प्रेम की सर्वोच्च अवस्था

प्रेम के रूप और प्रेम की सर्वोच्च अवस्था मेरी दृष्टि में तो मानव समाज की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि मानव समाज में बनने वाले सभी नातों को, सभी सम्बन्धों को प्रेम प्राप्त हुआ I गुरु और शिष्य के बीच, माता-पिता और संतानों के बीच, भाई और बहन के बीच, पति और पत्नी के … Read more

प्रसंग -2: प्रेम क्यों और कितना महत्वपूर्ण है?

प्रसंग -2: प्रेम क्यों और कितना महत्वपूर्ण है?

प्रेम क्यों और कितना महत्वपूर्ण है? यदि किसी व्यथित और अशांत व्यक्ति से कोई स्नेह से इतना ही पूछ ले कि आप कैसे हैं? ठीक तो हैं ना? तो क्या पल भर में वह अपने दिल की बात सच-सच सामने प्रकट नहीं कर देगा? अवश्य ही कर देगा I स्नेह भरे कुछ शब्दों का ऐसा … Read more