प्रेम-प्रश्नोत्तर-1-प्रेम में कौन-कौन सी शक्तियाँ होती हैं? 

प्रेम में कौन कौन सी शक्तियाँ होती हैं ।

प्रेम प्रश्नोत्तर की शृंखला में प्रश्न है कि प्रेम में कौन-कौन सी शक्तियाँ होती हैं? जब हम प्रेम का जीवंत उदाहरण बन गए प्रेमी व्यक्तियों के बारे में जानते हैं तो प्रायः हम आश्चर्य और रोमांच से भर उठते हैं कि प्रेम का ऐसा अद्भुत अनुभव भी प्राप्त किया जा सकता है! कि प्रेम को … Read more

प्रसंग-10: प्रेम और पूजा; प्रेमी और प्रियतम का सम्बन्ध

प्रेम और पूजा; प्रेमी और प्रियतम का सम्बन्ध

प्रेम और पूजा; प्रेमी और प्रियतम का सम्बन्ध सभ्यताओं और संस्कृतियों के विकास के साथ-साथ मानव ने स्वयं को अपने आसपास के जीवों से, वस्तुओं और घटनाओं से जोड़ना सीखा। मनुष्य ने यह जान लिया कि स्वयं की चेतना से जुड़कर स्वयं को गहराई से जाना जा सकता है। स्वयं को सभी से जोड़ लेने … Read more

प्रसंग-9-प्रेम: साधकों के लिए

प्रसंग 9 प्रेम साधकों के लिए

प्रेम: साधकों के लिए हम मनुष्यों का यह स्वभाव है कि जीवन और प्रकृति के तथ्य जब हमारी बुद्धि के सामने स्पष्ट हो जाते हैं तो हमें जीवन न केवल सरल और सुगम लगने लगता है बल्कि रुचिकर भी लगने लगता है, उसमें कोई सार्थकता दिखाई देने लगती है। यही तो कारण है कि अपनी … Read more

प्रसंग-8-प्रेम:अधिकारियों एवं सहयोगी सहकर्मियों के बीच

प्रसंग 8 प्रेम अधिकारियों एवं सहयोगी सहकर्मियों के बीच

प्रेम:अधिकारियों एवं सहयोगी सहकर्मियों के बीच भारतीय समाज ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में वर्षों से यह धारणा प्रचलित है कि किसी भी राजकीय अथवा औद्योगिक कार्यक्षेत्र में अधिकारियों एवं सभी सहकर्मियों के बीच प्रेमपूर्ण सम्बन्ध स्थापित होना सहज नहीं होता। अधिकार और सेवा की भावना के द्वन्द्व को लगभग प्रत्येक कार्यालय में अधिकारियों एवं … Read more

प्रसंग-7-प्रेम: निराशा की घड़ी में

प्रसंग-7-प्रेम: निराशा की घड़ी में

प्रेम: निराशा की घड़ी में पृथ्वी पर पाए जाने वाले प्राणियों के बौद्धिक स्तर और क्षमता को यदि देखा जाए तो मनुष्य का स्थान अग्रणी माना जाता है। मानव मस्तिष्क की विशेषता और प्रतिभा पीढ़ी-दर-पीढ़ी प्रमाणित होती आई है।  मनुष्य ने अपनी बुद्धिमत्ता सदियों सिद्ध की है, लेकिन सर्वाधिक बुद्धिमान कहा जाने वाला मनुष्य जब … Read more

प्रसंग-6-प्रेम: विद्यार्थियों के लिए

विद्यार्थियों

प्रेम: विद्यार्थियों के लिए शिक्षित समाज का हिस्सा बन गए हम मानवों का यह सौभाग्य है कि हम अपनी समझ का विकास सीखने की एक निश्चित प्रक्रिया से कर पाते हैं और इसलिए हम बचपन से ही विद्यार्थी हो जाते हैं। विद्यार्थी वही है जो अपने भीतर सीखने की लगन को पालता है और सीखना … Read more